देश में कोरोना की मार!, सरकार ने कहा - घर के अंदर भी पहनें मास्क, किसी मेहमान को न बुलाएं
By: Pinki Mon, 26 Apr 2021 7:12:23
अब वक्त आ गया है, जब हमें घर के अंदर परिवार के साथ रहते हुए भी मास्क पहनना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि मेहमानों को घर पर न बुलाएं। देश में बढ़ते संक्रमण के चलते अब सरकारें भी बेबस नजर आ रही है। ऐसे में सोमवार को नीति आयोग में हेल्थ मिनिस्ट्री के मेंबर डॉक्टर वीके पॉल ने कहा, डर या भय न फैलाएं, इससे हालात सुधरने की बजाए और बिगड़ सकते हैं। अच्छी बात यह है कि अब लोग घर में भी मास्क लगाने लगे हैं।
डॉ पॉल ने कहा कि रिसर्च बताती है कि अगर एक व्यक्ति फिजिकल डिस्टेंसिंग न अपनाए तो वह 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति अपना फिजिकल एक्सपोजर 50% तक कम कर दे तो एक महीने में 15 लोग और 75% कम करने पर ढाई लोगों को ही इन्फेक्ट कर पाएगा। होम आइसोलेशन में अनइन्फेक्टेड व्यक्ति ने मास्क लगाया है और इन्फेक्टेड व्यक्ति ने मास्क नहीं लगाया है तो इन्फेक्शन का खतरा 30% रहेगा। अगर इन्फेक्टेड और अनइन्फेक्टेड व्यक्ति, दोनों ने मास्क लगाया हो तो इन्फेक्शन का खतरा घटकर 15% ही रहेगा।
उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में टीकाकरण कार्यक्रम को प्रभावित नहीं होने दे सकते। वास्तव में वैक्सीनेशन को बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं माहवारी के समय भी वैक्सीन का टीका लगवा सकती है। इस बारे में बहुत सारे सवाल पूछे जा रहे हैं और इसका जवाब हां है। माहवारी के समय भी महिलाएं वैक्सीन का टीका लगवा सकती है, टीकाकरण को टालने की कोई आवश्यकता नहीं है। बता दें कि इस मामले को लेकर कई दिनों से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है, जिसमें यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए वैक्सीन लगवाना नुकसानदायक है। सरकार के मुताबिक, पूरे देश में अब तक वैक्सीन के 14 करोड़ से ज्यादा डोज दिए जा चुके हैं। 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को दूसरा डोज भी लग चुका है। झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़ जैसे 12 राज्यों ने अपने 90% से ज्यादा हेल्थवर्कस को वैक्सीन का पहला डोज दे दिया है।
ऑक्सीजन की कमी से जुड़े एक सवाल पर कहा गया कि सरकार ने अस्पतालों को ऑक्सीजन का सही तरीके और सावधानी से इस्तेमाल करने को कहा है। हमें ऑक्सीजन का लीकेज भी रोकना होगा।
डॉक्टर पॉल के मुताबिक, भारत में मेडिकल यूज के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन मौजूद है, लेकिन उन्होंने माना कि इसको ट्रांसपोर्ट करना यानी अस्पतालों तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है।
दूसरी ओर एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मौजूदा वक्त में ऑक्सीजन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना बहुत महत्वपूर्ण है। बेवजह की अफरातफरी का माहौल बनाने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें संक्रमण के मामलों में कमी लानी होगी और अस्पताल के संसाधनों का बेहतर उपयोग करना होगा।
सरकार ने बताया कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु में एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं।